बनारस-ए-गली
बनारस-ए-गली से तेरे इत्र की खुशबू का आना,
फिर उन्ही गलियों में तेरे संग बिताया गया हर वो पल का याद आना,
तेरे जाने के बाद एक बनारस ही तो सहारा था जिसके जीने का,
अब ये लड़का बनारस में नही जीता तो कहाँ जीता।।।।❤
उसके लिए तेरा तुलसी घाट पे रुकी जलपरी से होना,
और खुद वह गंगा में चलता फिरता अलकनन्दा सा,
उसके लिए तेरा साथ होना ही सब कुछ था,
गंगा घाट पे तेरे होने का अहसास ही तो सहारा था जिसके जीने का,
अब ये लड़का बनारस में नही जीता तो कहाँ जीता।।।।❤
उसका वो सारनाथ में बैठे बुद्ध सा शांत स्वभाव,
तुम्हारा वो अशोक सा पराक्रम और तेज,
उसके लिए तुझे पाने से ज्यादा तेरा होना जरूरी था,
वो सारनाथ में में बैठ कर तेरे साथ बातें करना ही तो सहारा था जिसके जीने का,
अब ये लड़का बनारस में नही जीता तो कहाँ जीना।।।।❤
https://www.instagram.com/inked_solace77/?hl=en
Written By- Ayush Shukla
Instagram- Cricketing Soul
1 Comments
Amazing 🤩
ReplyDelete